Thursday, December 9, 2010

आंसू

आँख से टपका हुआ , इक़ बे रंग कतरा ,
तेरे दामन की पनाह पाता ,तो आंसू होता!
बात बात पे जो बहता रहा , वो पानी था ,
बिना ही बात जो आता , तो आंसू होता !
वस्ल में जागती आँखें ,पथरा गयी होतीं ,
पलक झपकते ही आता ,तो आंसू होता !
नींदों में ख़लल होता , जो मेरे ख्यालों का ,
आँख में ठहर ना पाता , तो आंसू होता !
आह ठंडी लिए खुलतीं , जो सुर्ख आँखें ,
होंठ भी फर्कने से आता , तो आंसू होता !
दर्द हो जाता दफ़न , बस हंसी ठहाकों में ,
'कुरालीया ' समझ ना पाता तो आंसू होता !

Wednesday, December 8, 2010

मेरा महबूब


सूक्षम का शिखर ,
नजाकत की लहर ,
कयामत का कहर ,
मेरा महबूब !

सूरज का मीत ,
सितारे सा शीत ,
रौशनी की जीत ,
मेरा महबूब !

सागर का नीर ,
धरती का धीर ,
पातळ का आखीर ,
मेरा महबूब !

चन्दन की महक ,
कोयल की चहक ,
हिरन की सहक ,
मेरा महबूब !
हीरे की चमक ,
नूर की दमक ,
अम्बर की धमक ,
मेरा महबूब !


कली की झलक ,
परी की पल्क ,
इशकी सबक ,
मेरा महबूब !

फकीरी मलाल ,
रब्बी ख़याल ,
गहरा स्वाल ,
मेरा महबूब !




कोई नज़म ,
जाने बज़म
मेरी कलम ,
मेरा महबूब !




वक़्त की आह ,
कुदरत की राह ,
फरिश्ते की चाह,
मेरा महबूब !




प्यारे दोस्त "संत वरदान को " सप्रेम भेंट